We have been featuring the best writers from our writers’ community for their committed contribution to FII, making it what it is today. FII would not exist if not for the passionate and loyal feminist writers’ community that we have steadily been building over the last three years.
इस महीने फेमिनिज्म इन इंडिया आपको रु-ब-रु करवाने जा रहा है अपने बेहतरीन लेखकों में से एक लेखक से| वो लेखक जिन्होंने अपने लेखन के माध्यम से फेमिनिज्म इन इंडिया में अपना अमूल्य योगदान दिया है| फेमिनिज्म इन इंडिया की कल्पना हमारे कर्मठ और संवेदनशील लेखकों के बिना नहीं की जा सकती है| ये हमारे नारीवादी लेखकों के सक्रिय और प्रभावी लेखन की देन है, जो हम आज सफलतापूर्वक अपने तीन साल पूरा कर चुके हैं|
This April, we feature Jagisha Arora, one of our Hindi writers. From discussing how love is beyond gender to highlighting Ambedkar’s contribution to women’s movements, Jagisha’s writing enlightens the readers regarding social justice issues. Some of her other popular articles are on Neeraja Bhanot, Laxmi, the acid attack survivor, and many more.
इस अप्रैल के महीने में हमारी ख़ास लेखिका हैं जगीशा अरोरा| महिला आंदोलन में भीमराव अंबेडकर के अमूल्य योगदान को उजागर करते हुए जगीशा ने हमारे पाठकों को महिला आंदोलन और सामाजिक न्याय से जुड़े कई पहलुओं से रु-ब-रु करवाया है| अपने प्रमुख लेखों ने उन्होंने नीरजा भनोट, एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी,जेंडर से परे प्रेम की परिभाषा और कई सामाजिक मुद्दों को शामिल किया है|
FII: Tell us a little about yourself and what you do.
अपने बारे में कुछ बताएं| आप क्या करती हैं?
Jagisha Arora: I am pursuing M.A history from Jamia Millia Islamia. I love to read different books. I also write on different websites.
मैं जामिया मीलिया इस्लामिया से इतिहास में एम.ए की पढ़ाई कर रही हूँ| किताबें पढ़ने का शौक रखती हूँ|
FII: How did you become a part of the FII writer family?
आप फेमिनिज्म इन इंडिया का हिस्सा कैसे बनी?
JA: I came to know through my friend Navleen. I contacted Japleen and then I wrote my first article.
मैं हमेशा से महिलाओं के मुद्दों को लेकर लिखना चाहती थी और तभी मेरी दोस्त नवलीन ने मुझे जपलीन के बारे में बताया औऱ मैं उनसे जुड़ी और तभी से लिखने लगी|
FII: How and when did you become a feminist? Which issues within feminism are close to your heart?
आप कब और कैसे नारीवादी बनी| कौन से नारीवादी मुद्दे आपके दिल के सबसे करीब है?
JA: My childhood made me a feminist. I saw inequality in every phase of life and most importantly in my family. I think feminism is a broad concept but I want to improve parenting as the way a girl and boy is raised is questionable.
मैं बचपन से ही फेमिनिस्ट हूँ| मुझे लगता है जब आप अपने आस-पास भेदभाव देखते हो और जब आपके घर में आपको हर काम के लिए मना किया जाए और आपके भाई को वही काम के लिए पूछना भी न पड़े तो आप फेमिनिस्ट बन जाते हो| मेरे हिसाब से सबसे बड़ा मुद्दा लड़का और लड़की की परवरिश का है औऱ यही मेरे दिल के करीब है|
FII: What is your favourite piece on this site that you have written, and your favourite piece on this site that you have read? Why did they strike you?
फेमिनिज्म इन इंडिया में प्रकाशित कौन-सा लेख आपको बेहद पसंद है, जिसे आपने लिखा है और कौन-सा लेख आपका पसंदीदा है फेमिनिज्म इन इंडिया में| ये लेख आपको पसंद होने की क्या वजह है?
JA: One of my favourite pieces that I wrote was on the acid attack survivor, Laxmi Aggarwal. When I read डियर पांच बेटियों के पापा…, it really connected with me and forced me to read it.
मेरा सबसे ज्यादा प्रिय आर्टिकल एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी लिखना था| ‘डियर पांच बेटियों के पापा…‘ ने मुझे बहुत प्रभावित किया था क्योंकि मैं इससे जुड़ पायी थी|
FII: What do you like to do when not writing about gender and social justice?
जेंडर और सामजिक मुद्दों पर लेखन के अलावा आपकी रूचि किस विषय में हैं?
JA: I like to dance, especially Kathak. Also, I love to binge-watch series on Netflix.
मुझे घूमना बहुत पसंद है और फिल्में देखना भी| मुझे कथक करना भी बहुत अच्छा लगता है| नृत्य करना मुझे तरो-ताजा रखता है|
FII: What do you like about FII and our work? What more would you like to see from us?
आपको फेमिनिज्म इन इंडिया में आपको क्या पसंद है और हमारे काम में आपको सबसे ज्यादा पसंद है? आप हमारे काम में और क्या देखना पसंद करेंगीं?
JA: I love this site because I can read informative articles on women’s issues and it really helps women all over the world to read and discuss them. I also love to add to the conversation on other issues and I wish to encourage more women to write on more topics.
मुझे यह बेहद पसंद है क्योंकि इससे महिलाओं के बहुत से मुद्दों की जानकारी मिलती है| मैं बस महिलाओं के मुद्दों के साथ-साथ हर मुद्दें पर लिखना और दूसरों का लिखना देखना चाहती हूँ|
FII thanks Jagisha for her timely and valuable contributions. We are incredibly grateful to have her as a part of our writers’ community and appreciate her for her deeply informative writing. She can be followed on Facebook, Instagram and Twitter.